प्रशीतन श्रृंखला को एक ऐसी संभारतंत्र प्रणाली के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो कि नष्ट होने वाले खाद्य पदार्थो के उत्पादन के स्थान से उपभोग के स्थान तक आदर्श ढंग से भंडारण और रखरत्वाव के ल्एि श्रृंखलाबद्ध सुविधाएं उपलब्ध कराती है। यह प्रायः होती नहीं है किन्तु भारतीय कोल्ड चेन संभारतंत्र आधारभूत संरचना का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
हमने महसूस किया है कि फसल की कटाई के बाद की गतिविधियों में बहुत सारी मात्रा व्यर्थ हो जाती है। ऐसा अनुमान है कि कुल उत्पाद का 25% या करीब 50000 करोड़ रू 10 अरब अमेरिकी डालर व्यर्थ हो जाता है।
भारत के सकल घेरलू उत्पाद में देश के कृषिक्षेत्र की हिस्सेदारी 26% है यह क्षेत्र64 प्रतिशत रोजगार का सृजन करता है और देश का 18% निर्यात इस क्षेत्र से होता है तथा यह दूसरा सबसे बड़ा सब्जी निर्यातक है लेकिन विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी केवल 10% है।
प्रशीतन सुविध और प्रशीतित परिवहन सुविधा की कमी के कारण नष्ट होने वाले खाद्य पदाार्थो की हैंडलिंग में दिक्कत होती है और इस वजह से यह व्यर्थ होते है। कुछ प्राक्कलनों के मुताबिक भारत में फलों और सब्जियों की कटाई के बाद जितने फल और सब्जियां बर्बाद हो जाते है उनकी मात्रा ग्रेट बि्रटेन में ताजा फलों और सब्जियों के कुल उत्पादन से ज्यादा है।
|