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फलों और सब्जियों के व्यापार के प्रमुख केन्द्र के रूप में उभरने की भारत की क्षमता के बारे में बहुत कुछ कहा जाता रहा है और इस बारे में विचार होता रहा है। ऐसी चर्चा मुख्य रूप से हमारी विशाल जैव विविधता वाली बागवानी की क्षमता और मौजूदा करीब 190000 करोड़ रूपये फलों और सब्जियों की विशाल मात्रा में पैदावार मद्देनजर होती है।

यह आकलन किया गया है कि फसल की कटाई के पश्चात् खराब प्रबंध के कारण फलों और सब्जियों के उत्पादन का 30% बर्बाद हो जाता है जिसका मूल्य करीब 60000 करोड़ रूपये लगाया गया है। इस स्थिति के मद्देनजर कटाई के पश्चात् इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक, प्रशीतन श्रृंखला के आधारभूत ढांचे, उत्पाद में सुधार गुणवत्ता और विपणन आदि में व्यवसाय का बहुत बड़ा अवसर उपलब्ध है।

इस क्षेत्र में संभावनाओं को देखते हुए कॉनकॉर ने अपने पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी फ्रैश एंड हैल्थी इंटरप्राइजेज लिमिटेड स्थापित करने का निर्णय लिया।

एफएचईएल कॉनकॉर के पूर्ण स्वामीत्वाधीन कंपनी है। इसे कानॅकॉर की 35 करोड़ की इक्विटी के साथ फरवरी 2006 में प्रारम्भ किया गया। यह इस क्षेत्र में विभिन्न स्टेकहोल्डर्स को संपूर्ण प्रशीतन श्रंखला संभारतंत्र समाधान उपलब्ध कराने के लिए देश में विश्व स्तरीय प्रशीतन श्रृंखला अब संरचना सृजित करने के लिए स्थापित की गई है। एफएचईएल अपनी नियंत्रक कंपनी कॉनकॉर से मजबूती ग्रहण करना चाहती है जिसने लगातार समझौता ज्ञापन निष्पादन में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार प्राप्त किया है और उसका संभारतंत्र सेवा क्षेत्र में उत्कृष्टता का रेकार्ड रहा है।

एफएचईएल, देश में फलों और सब्जियों के क्षेत्र में लंबी अवधि के लिए साख बनाने को ले कर आश्वस्त है। एफएचईएल ने अपने व्यवसाय के पहले वर्ष में फल सब्जियों के क्षेत्र में मूल्य सृजन के अपने लक्ष्य में अच्छी प्रगति की है।

एफएचईएल ने हिमाचल प्रदेश में शिमला और किन्नौर सें करीब 1200 टन बढि़या सेब खरीदे और व्यापार किया। इसका पहला 12000 मीटि्रक टन का अत्याधुनिक निंयतित्र वातावरण वाला भण्डार जोकि देश में सबसे बड़ा है अगस्त 2007 से कार्य कर रहा है। वर्ष 2007-2008 के दौरान एफएचईएल ने हिमाचल प्रदेश के शिमला और किन्नौर जिलों से 12000 मीटि्रक टन सेब खरीदे उनका भण्डारण और विपणन किया। एफएचईएल ने हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर कार्यालय के लिए जगह ली है। एफएचईएल ने विभिन्न क्षेत्रों से अनुभवी प्रोफेशनल की भर्ती की है। पहले नियंतित्र वातावरण वाले भण्डार की पूंजीगत लागत करीब 90 करोड़ रूपये है।

 
   
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